Wednesday 3 October 2012

रमन सरकार के लिए तैयार है गड्ढा

दक्षिणापथ डेस्क
रायपुर। भाजपा में इन दिनों एक खेमा संगठन के प्रमुख नेताओं के खिलाफ  माहौल बनाने का काम कर रहा है। ये लोग प्रमुख नेताओं के खिलाफ  कार्यकर्ताओं को भड़काने और उनको पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के लिए उकसा रहे हैं। ऐसे नेताओं को संगठन वॉच कर रहा है। संदिग्ध लोगों की पहचान की जा रही है ताकि समय रहते उन पर कार्रवाई की जा सके। संगठन की ओर से भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सौदान सिंह ने मोर्चा संभाला हुआ है।
राज्य में तीसरी बार सरकार बनाने के लिए भाजपा ने मिशन 2013 के तहत सारी गतिविधियां समेट दी हैं। इसी कड़ी में सौदान सिंह ने जिले वार दौरे का पहला चरण लगभग पूरा कर लिया है। कई जिलों में उन्हें कार्यकर्ताओं की नाराजगी के सुर सुनने को मिले हैं। कई स्थानों पर ये सुर स्वाभाविक थे तो कई स्थानों पर इनमें षड्यंत्र का भी आभास हुआ। लिहाजा हर जगह की अलग-अलग परिस्थितियां रहीं। हर जिले में राजनीतिक हालात भी अलग-अलग हैं। इस कारण उन्होंने सरकार के कामकाज, स्थानीय नेताओं की सक्रियता और सत्ता व संगठन में तालमेल के बारे में विस्तार से जानकारी ली है। अपने अभियान के दूसरे चरण में सौदान सिंह ब्लाक स्तर पर दौरा करेंगे। छत्तीसगढ़ की राजनीति से भलीभांति वाकिफ  होने के कारण उन्होंने अब अपना फोकस विधानसभा स्तर पर किया है। इसमें कार्यकर्ताओं को महत्व देने के साथ ही विधानसभा में संगठन की स्थिति की भी जानकारी मिलेगी। इनमें विधायकों के परफारमेंस पर भी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। विधायकों के कामकाज का आकलन करने के साथ ही सौदान सारे विकल्पों पर भी अपनी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। इनमें वर्तमान विधायक के साथ ही आने वाले चुनाव में विकल्प कौन-कौन हो सकते हैं, इसका भी ब्यौरा तैयार किया जाएगा। संकेत हैं कि उनकी ऐसी गतिविधियां विधानसभा चुनाव के पहले तक चलती रहेंगी।
सौदान सिंह के सक्रिय होते ही विरोधी दल कांग्रेस के लोग जहां इन गतिविधियों को बारीकी से वॉच कर रहे हैं वहीं भाजपा के असंतुष्ट माने जाने वाले नेताओं ने भी संगठन को नीचा दिखाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। इनमें संगठन के नेताओं के खिलाफ  माहौल बनाने का प्रयास भी शामिल है। कुछ लोग सुनियोजित तरीके से विरोध की बातों को हवा दे रहे हैं। इन्हीं लोगों के माध्यम से बैठकों में संगठन के खिलाफ आवाज उठाने से लेकर पर्चे आदि बंटवाने की कोशिशें भी हो रही हैं। सत्ता व संगठन के उन खेमों को पार्टी नेतृत्व की ओर से वॉच किया जा रहा है जिनके द्वारा संगठन को कमजोर करने के लिए कार्यकर्ताओं को भड़काने का प्रयास किया जा रहा है। संभावना है कि विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट वितरण प्रक्रिया में ऐसे नेताओं को हाशिए पर डाल दिया जाए।

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